जम्मू और कश्मीर
एनआईसी जम्मू और कश्मीर की स्थापना वर्ष 1988 में हुई थी और 1989 तक लेह और कारगिल के दो आदिवासी जिलों सहित सभी चौदह जिलों को कवर किया गया था। प्रशासन, न्यायपालिका और विधानसभा को आईसीटी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। एनआईसी जम्मू-कश्मीर ने कई नवीन ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के विकास और कार्यान्वयन के द्वारा जम्मू-कश्मीर सरकार को सहायता प्रदान की है, जिससे उनके नागरिकों तक सरकार की पहुंच में वृद्धि हुई है। ये ई-गवर्नेंस परियोजनाएं सरकारी सेवाओं को उनके दरवाजे तक ले जाकर न केवल नागरिकों के जीवन को आसान बना रही हैं, बल्कि प्रशासन को त्वरित, उत्तरदायी, पारदर्शी, परेशानी मुक्त और आसानी से सुलभ भी बना रही हैं।
एनआईसी जम्मू और कश्मीर की ई-गवर्नेंस पहल इंटरफेस के पूरे स्पेक्ट्रम (G2G, G2C और G2E) को कवर करती है । इन पहलों में से अधिकांश का उद्देश्य डिजिटल अंतर को पाटना और राज्य के दूरदराज और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को आईसीटी के कई संभावित लाभों का विस्तार करना है, विशेष रूप से, राज्य की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक भलाई में सुधार करना है। एनआईसी जम्मू-कश्मीर प्रधान कार्यालय, जम्मू साल भर काम करता रहता है।
एनआईसी मूव कार्यालय सिविल सचिवालय श्रीनगर में स्थित है जो हर साल मई से अक्टूबर तक दरबार के श्रीनगर जाने के दौरान कार्यात्मक रहता है। एनआईसी जम्मू-कश्मीर प्रधान कार्यालय, जम्मू में तैनात अधिकारियों को दरबार मूव अवधि (6 महीने) के दौरान नागरिक सचिवालय श्रीनगर को सहायता प्रदान करने के लिए श्रीनगर भेजा जाता है।